About This Course
यह कोर्स मार्क्सवाद, और उससे जुडी हुई विचारधाराओं, जैसे लेनिनवाद और स्टालिनवाद के बारे में है। यह कोर्स मार्क्सवादी इतिहास लेखन और भारत पर उसके राजनैतिक, सामाजिक और शैक्षिक प्रभाव के बारे में बताता है ।
छः पाठों में यह कोर्स मार्क्सवाद, लेनिनवाद, स्टालिनवाद के मूल सिद्धांत और उनके प्रयोग के बारे में, कम्युनिज्म की थ्योरी और प्रैक्टिस के बारे में, भारत के बारे में मार्क्स की अवधारणाओं के बारे में, मार्क्सवादी इतिहास लेखन के सैद्धांतिक पक्ष के बारे में और भारत में मार्क्सवादी लेखन के बारे में बताता है ।
महत्वपूर्ण सूचना: यह एक स्व अभिरुचि पाठ्यक्रम है। जहां, आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय, कहीं से भी वीडियोज के माध्यम से सीख सकते हैं। इसमें प्रशिक्षक द्वारा कोई नियमित लाइव सत्र नहीं हो रहा होगा कि आपको उसी आवंटित समय और तिथि में कक्षा करना अनिवार्य हो , इससे आपकी किसी व्यस्तता के कारण कक्षा के छूटने का भय भी दूर होगा । फलतः आप अपनी सुविधा अनुसार जब चाहे सीख सकते हैं ।
What You’ll Learn
- आप इस कोर्स में मार्क्सवाद, लेनिनवाद, स्टालिनवाद जैसी विचारधारों के मूल सिद्धांतों के बारे में, कम्युनिज्म जैसी व्यवस्था के सिद्धांतों और प्रयोग के बारे में सीखेंगे। आप सीखेंगे लेनिन की तानाशाही के बारे में, रूस में तख्तापलट में लेनिन की भूमिका के बारे में, और कैसे सैद्धांतिक रूप से और प्रायोगिक रूप से स्टालिनवाद लेनिनवाद का उत्तराधिकारी था ।
- आप जानेंगे कि भारत के बारे में मार्क्स की अवधारणायें क्या थीं; कि ब्रिटिश इतिहासकार और फिर मार्क्सवादी इतिहासकारों ने कैसे भारतीय इतिहास को विकृत किया; और भारत विभाजन में मार्क्सवादी इतिहास लेखन की क्या भूमिका थी ।
- आप सीखेंगे कि मार्क्सवादी इतिहास लेखन की मूल प्रस्थापनाएँ क्या हैं; भारत में “साम्प्रदायिकता” का मार्क्सवादी इतिहास लेखन से क्या सम्बन्ध है और मार्क्सवादी इतिहास का राजनैतिक लक्ष्य क्या है ।